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Shashank Shekhar

Romance

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Shashank Shekhar

Romance

तुम मुझको राग लगती हो..

तुम मुझको राग लगती हो..

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जवां के भार से लचकी हुई इक शाख लगती हो, 

कभी काली घटा सावन की कभी आग लगती हो

चांद पूनम- सा चेहरा है, कटारी से नयन तेरे, 

मैं तुझको झूम कर गाऊँ तुम मुझको राग लगती हो।।


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