तुम जो गए

तुम जो गए

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लेते गर सुधि,

ऐ, सखी,

सौंप देता, ये ख्वाब सारे,

सुध जो हारे,

बाँध देता, उन्हें आँचल तुम्हारे,

पल, वो सभी,

जो संग, तेरे गुजारे,

रुके हैं वहीं,

नदी के, वो ठहरे से धारे,

बहने दे जरा,

मन,

या

नयन,

सजल, सारे हो गए, 

तुम जो गए!


तुम जो गए, ख्वाब कैसे बो गए!


सदियों हो गए,

सोए कहाँ,

जागे हैं, वो ख्वाब सारे,

बे

अनमस्क, बेसुध से वो धारे,

ठहरे वहीं,

सदियों, जैसे लगे हों,

पहरे कहीं, 

मन के, दोनों ही किनारे,

ये कैसे इशारे, 

जीते,

या 

हारे,

पल, सारे खो गए, 

तुम जो गए!


तुम जो गए, ख्वाब कैसे बो गए!




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