तुम ही तुम
तुम ही तुम


हर दिन मैं पास तेरे आता गया,
हर लम्हे में तुझको मैं पाता गया।
बिना जाने मैं अपनी तकदीर को,
खुद को मैं तेरा बनाता गया।
हर दिन मैं पास तेरे आता गया,
हर लम्हे में तुझको मैं पाता गया।
बिना जाने मैं अपनी तकदीर को,
खुद को मैं तेरा बनाता गया।