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Sumit. Malhotra

Abstract

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Sumit. Malhotra

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मैं वो शायर हूँ

मैं वो शायर हूँ

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मैं वो शायर हूँ, प्रेम पर लिखा, 

सुख दुःख पर, भी लिखता हूँ। 


हर एक विषय, पर लिखता हूँ, 

सच व झूठ पर, सादगी पर भी। 


पवित्र चरित्र है, वफ़ा व दग़ा है, 

मैं वो शायर हूँ, नारी पर लिखूँ। 


हर नारी देवी है, तो सम्मान करें, 

नारी ममतामयी, इबादत करना। 


बचपन पर लिखूँ, अच्छा लगता, 

बचपन में दोबारा, न जा सकता। 


मेरी शायरी में भी, दर्द व दवा है, 

मेरी शायरी में भी, हास्य व्यंग्य है।


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