STORYMIRROR

Anuj Datta

Romance

4  

Anuj Datta

Romance

तुम चुप हो गई ऐसी क्या मज़बूरी

तुम चुप हो गई ऐसी क्या मज़बूरी

1 min
412

तुम चुप हो गई ऐसी क्या मज़बूरी है, 

तुम्हें नही पता क्या तुमने मेरी कितनी नींद तोड़ी है, 

कितनी रातें तेरी याद में मैने जग कर गुजारी है, 

कितनी पहर मैंने यूँ ही सड़को पे तेरी राह निहारी है, 

कितनी दफा तेरी तस्वीर पे अपने आसू बहाएं है,

तुमने कहा था तुम हमेशा मेरे साथ रहोगी फिर इतनी क्यों दूरी है, 

तुम चुप हो गई ऐसी क्या मज़बूरी है । 


तुमने कहा था साथ जायेंगे इस दुनिया से,

साथ बैठ के आसमां को निहारेंगे और मुस्कुराएंगे,

चुप रहेंगे लेकिन नजरों से हर दर्द बयां करेंगे,

हाथों मे हाथ डाल कर सारा जहान् घूम कर आएंगे, 

लेकिन फिर मेरी जिंदगी मे तेरी जगह क्यों अधूरी है, 

तुम चुप हो गई ऐसी क्या मज़बूरी है।


Rate this content
Log in

Similar hindi poem from Romance