तुझे मांग लेते
तुझे मांग लेते


खुदा गर हमें एक भी सौगात देते।
हर एक नेमतों में तुझे मांग लेते।।
तू सपनों की हर एक उड़ानों में होती।
तू ही वेद, गीता, कुरानों में होती।
तुझे स्वर में रखते और साजों में रखते।
तुझे दिल की अपनी दराजों में रखते।
तुम्हें देख लेते जो एक बार जी भर,
कसम से सनम फिर कभी हम ना सोते।।
tyle="color: rgb(0, 0, 0); background-color: transparent;">हर एक नेमतों में तुझे मांग लेते।।
मैं दिल की किताबों के पन्ने जो खोलूं।
तेरी ही सुनूँ , बस तुझी से ही बोलूं।
तेरे ही मैं काँधे पे सिर रख के रोऊं।
सदा रब से मांगा तेरा ही मैं होऊं।
जो मिल जाती मुझको तू बनकरके मेरी,
तो सच में सनम हम किसी के ना होते।।
हर एक नेमतों में तुझे मांग लेते।।