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तुझ संग...

तुझ संग...

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प्यार क्या है ये मैं कभी समझ ना पाया...

पर तुझसे मिल के एक अजीब सा एहसास दिल में आया...

तुझ संग हँसने और तुझ संग रोने मैं लगा...

शायद तेरी चाहत में खोने मैं लगा...

एक अजीब सी ख़ुशी मन में होने लगी...

तेरे संग वक़्त की कमी भी होने लगी...

शायद यही प्यार की शुरुआत थी...

इसलिए तेरे जाने से ज़िन्दगी अधूरी सी होने लगी...

 


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