और फिर....
और फिर....
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और फिर....
रास्ते में चलते हुए तेरी यादो में खो जाता हूँ...
वो साथ बीता हर लम्हा दोहराता हूँ...
एक ख़ुशी सी आ जाती है फिर चेहरे पर मेरे...
और पल भर में फिर हकीकत में लौट आता हूँ...
कही खो सी जाती है फिर वो ख़ुशी...
और फिर सोचने लग जाता हूँ...
कि क्या वो भी सोच रहा होगा मेरे बारे मे...
कि क्या वो भी उदास होगा मेरे जाने से...
फिर लगता है शायद वो बहुत ख़ुश है मेरे जाने से...
बस यही सोच कर में उनसे दूरी बना लेता हूँ...
और फिर रास्ते में उनके साथ बस ख्वाबों में ही जी लेता हूँ...