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Abhishek Dadhich

Romance

2  

Abhishek Dadhich

Romance

और हम....

और हम....

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बदल गया वो खुद बहुत और हमें भी बदल गया...

प्यार करता था जो हमसे वो हमें ही भूल गया...

कदर न है उसे हमारी...

और हम उनकी यादों में खोये रहते हैं...

वो हमसे नहीं बतियाना चाहते और हम उनकी आवाज़ को तरसते हैं...

वो ख़ुशी ख़ुशी दिन निकालते हैं...

और हम उदास सा चेहरा लिए बैठे रहते हैं...

वो हमारे अहम पर चोट करते हैं...

और हम फिर भी उन्हें भूलने की बजाय पाने की कोशिश करते रहते हैं...

जब दिल के इस दरिया में गोता लगा के देखा...

इस प्यार के दर्द को जब मुँह से लगा के देखा...

एक हसीं सा एहसास होने लगा...

बैठे बैठे मुस्कराने लगा...

सपने यूँ ही संजोने लगा...

तुझे मुझसे यूँ दूर जाने न दूंगा...

तेरी हर गलती की सजा मैं खुद पा लूंगा...

एक साथी माँगा था खुदा से...

और उसने मुझे तुझसे मिला दिया...

उस खुदा की इस रहमत को मैं अब खाली जाने ना दूंगा...

 


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