STORYMIRROR

तेरी यादें

तेरी यादें

1 min
14.4K


तुझे भुला पाना शायद मुमकिन नहीं...

तेरा साथ पाना भी अब शायद मुमकिन नहीं...

तेरी यादों के साथ चलना भी अब बोझ सा लगता है...

तेरा दिया हर घाव दर्द देने लगता है...

ये दिल-ऐ-नादां अब सुनता नहीं मेरी...

इससे तो सिर्फ तेरे साथ का ही सपना दिखता है...

तुझे भुला पाना शायद मुमकिन नहीं...

 


Rate this content
Log in