"टोको घर" : एक शाम...
"टोको घर" : एक शाम...
असम राज्य के शिवसागर जिले के
नाज़िरा नगर में अवस्थित
"टोको घर" नाम से
मशहूर "रेस्तरां"
हर एक मुसाफिर का
दिल छू लेता है।
मुझे पूरा यक़ीन है कि
दूर-दराज से आए मुसाफिरों
को अपने स्वादिष्ट भोजन से
मन मोह लेने की
जो ईमानदार कोशिश
"अब्दुल कादिर भाईजान"
अपने परिवार के साथ
रोज़ाना कर रहे हैं,
वो बेशक़ क़ाबिलेतारीफ है...!
उनकी मेज़बानी एक दिन
रंग ज़रूर लाएगी,
क्योंकि उनके दिल में
मेहमाननवाज़ी का जज़्बा
बेइंतहाँ भरा है...
वो क्या अदब है!
वो क्या क़ायदा है!
कितना सुकून मिलता है,
जब कोई
उनके रेस्तरां में
एक पल जाकर बैठता है...!!!
क्या कारीगरी है!
बाँस से बने रेस्तरां की
दीवारों पर असम की
ग्रामीण इलाकों की
रोज़मर्रा के सामानों की
जो नुमाइश की गई है,
वो भी बेशक़ क़ाबिलेतारीब है!
दीवारों पर टंगे रोज़मर्रा के सामानों पर
लिखे गए वो अल्फाज़
ज़िन्दगीनामा-सा मालूम पड़ता है...!
बहुत फुर्सत से बसाया गया है
"अब्दुल कादिर भाईजान" के
ख्वाबों का ये रेस्तरां "टोको घर"...!!
आप एक बार ज़रूर तशरीफ़ लाइए...
आइए, आप भी एक बार असम के
शिवसागर जिले की नाज़िरा नगर में
अवस्थित मशहूर रेस्तरां "टोको घर"...
और अपनी दास्ताँ सुनाइए...!!!
उनकी दूध-चाय में जो एक बार चुस्की
लगा ले, वो दुबारा कहीं और
चाय पीना न चाहे!
एक बार आप भी असम राज्य के
शिवसागर जिले की नाज़िरा नगर में
अवस्थित "टोको घर"।