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Shivam Rai

Drama

2.8  

Shivam Rai

Drama

तो क्या बात है !

तो क्या बात है !

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गुज़र जाता है अच्छा वक्त तूफ़ान की तरह,

यूं ही गुज़र जाए बुरा वक्त तो क्या बात है।


जो खुशी कीमती मकान में न मिली,

वो मिट्टी का एक घर दे जाए तो क्या बात है।


जो बात न आ सकी ज़ुबां तक,

कोई आँखो से समझ ले तो क्या बात है।

 

यूं ही दर्द दे जाते हैं अपने भी कभी,

कोई पराया अपनापन दे जाए तो क्या बात है।

चाहत जो पूरी हो मन्नतों से,

वो बिन मांगे मिल जाए तो क्या बात है।

काफ़ी बेचैन है ये दुनिया खुद में,

किसी बेबस के लिए कर गुज़रने से सुकून मिल जाए तो क्या बात है।


प्यार तो सब कर लेते हैं जिस्म से,

कोई रूह से कर जाए तो क्या बात है...।।


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