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Shivani Yaduvanshi

Romance

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Shivani Yaduvanshi

Romance

तकरार ऐ मोहब्बत

तकरार ऐ मोहब्बत

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जो बोल दूँ दो शब्द भी तो, तुझे वो जाने क्यों बेमतलब पैगाम लगता है।।

जो मांग लूँ एक अर्ज़ भी तो , तुझे वो सारा आसमान लगता है।।


क्या ! डर हैं तुझे खुद के गलत साबित होने का ??

तो मेरा हर जवाव तुझे , क्यों इल्जाम लगता है ।।


वो कहता है, आज क्यों बदल लिया सलीक़ा शौक अन्दाज़ हमने ,

बैठ कर कभी देखा होता , आँखों में मेरी झांक कर ,

इन्हें तू मेरा सारा जहां लगता है ।।


फेर बदल करना उलझना उलझाना बातों को, हुनर है तेरा ,

जो बेलफ्ज़ खड़ा सामने तेरे, बता वो तेरा क्या लगता है।। 


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