तकलीफें
तकलीफें
है अगर लिखने का भाव
तो सारा श्रेय तुम्हारा है
तुम से ही है अपनी "जिंदगी"
"चाहत "भी तो तुमने ही सँवारा है
उतर आओ तुम मेरी लेखनी में
"प्रिय" बनकर
मैं तुम्हारी "प्रिया" बन जाऊं
क्योंकि तुम से ही तो
मेरे जीने का सहारा है
