निस्वार्थ भावना से
निस्वार्थ भावना से
चांद सितारों से रोशन है ,यह जग सारा!
घर किसी का हो अंधेरा, तो फिर रोशनी बेकार है!!!
समर्पण और त्याग की भावना ना हो तो,
यह शख्सियत बेकार है!!!
ज्ञान का दीपक यूं ही जलाते रहें,
साथ में ज्ञान दान 'का भी फर्ज भी निभाते रहें।
हटा दो अपनी नफरतें अपने दिल से
मोहब्बत की शमा जलाते रहें।।
गर भूखा सोता है कोई तो यह जिंदगी भी बेकार है.
