तिरंगा प्यारा
तिरंगा प्यारा
प्राणों से प्यारा अपना तिरंगा सदा आसमान में ऊँचा लहराए।
स्वतंत्र धरा पर श्वास सुख देता अनंत काल तक यह फहराए।।
तीन रंगों से बना तिरंगा, हर रंग कुछ न कुछ बताए।
सुख-समृद्धि, खुशहाली का पाठ हमें यह पढ़ाए।।
सबसे ऊपर केसरिया रंग होता जो वीरों की दास्तान सुनाए।
ओज़ भरे ऐसा कि भारत माता के लिए वीर प्राण न्यौछावर कर जाए।।
बीच में है रंग सादा जो सच्चाई और अमन का पैगाम सुनाए।
अमन व शांति के लिए देश के लोग आगे बढ़ सामने आए।।
हरा रंग सबसे नीचे, प्रतीक धरती का है हरियाली बताए।
हरी-भरी रहेगी धरती तभी सुख समृद्धि देश में आ पाए।।
चौबीस तीलियों वाला चक्र बीच में जो कर्तव्य का पाठ पढ़ाए।
रंग रूप वेश भाषा को भुलाकर मन में एकता का भाव जगाए।।
जब हम ऊँचा करें नाम देश का तिरंगा विश्व पटल पर फहराए।
जन गण मन के नाद संग विदेशी आसमान में भी लहराए।।
धन्य है भारत की भूमि जहाँ अनमोल जीवन हम सबने पाए।
प्रण लेते हैं हम करेंगे प्राण न्यौछावर गर संकट
तिरंगा पर आए।।
कर्मवीर नागरिक मिलकर देश को विश्व में सर्वश्रेष्ठ बनाएँ।
खेल-कूद हो या ज्ञान-विज्ञान हर क्षेत्र में अपना तिरंगा लहराए।
मिली नहीं आज़ादी यूँ ही थे वीरों ने अपने प्राण लुटाए।
आजाद धरती मिली हमें आज हम कृतज्ञता अपनी जताएँ।।
प्राणों से प्यारा अपना तिरंगा सदा आसमान में ऊँचा ही लहराए।
स्वतंत्र धरा पर श्वास का सुख देता यह अनंत काल तक फहराए।।