तिनका तिनका प्रयास करो
तिनका तिनका प्रयास करो
बूंद-बूंद परिवर्तन से ही एक संपूर्ण बदलाव आता है,
प्रयास में हो गर सच्चाई तो इतिहास ज़रूर रचता है,
छोटे- छोटे कदम ही सही, आगे बढ़ने का जुनून हो,
बारिश की छोटी बूंदों को देखो सैलाब ला सकता है,
खुद को अगर समझना है दहलीज़ पार करनी होगी,
पिंजरे में बैठा हुआ पंछी तो उड़ाना भी भूल जाता है,
हौसलों को पंख तभी लगेंगे जब चाहत दिल में होगी,
मेहनती रंग भरो लकीरों में नसीब कुछ नहीं करता है,
डूबता है सूर्य रोज़ देखो पर उसकी आस नहीं टूटती,
एक नए जोश के साथ हर सुबह मुस्कुराकर आता है,
पहला कदम लड़खड़ाए तो रुकना नहीं, संभालना है,
डरकर बैठ जाने वाला चलना भी कहांँ सिख पाता है,
निलय पंछियों के तो देखे होंगे बन जाते नहीं ऐसे ही,
एक-एक तिनका प्रयासों का ही तो परिणाम होता है,
चीटियांँ चलती हैं दाना लेकर, फिसलती कितनी बार,
बार-बार गिरकर भी उनका हौसला बरकरार रहता है,
खुद में चाहते हो बदलाव, तिनका-तिनका प्रयास करो,
धीरे चलो या तीव्र किन्तु निरंतर चलना ज़रूरी होता है।