तीन...
तीन...
तीन तरह के व्यक्ति हैं
इस मानव समाज में -
एक, जो हिलते-डुलते
अपना सारा काम
दायित्व बोध के साथ
किया करते हैं...
कोई कोताही नहीं बरतते!
दूसरे ऐसे व्यक्ति हैं,
जो बहुत ज़्यादा
हिलते-डुलते नज़र आते हैं,
मगर असल में वो
'वैसा' दिखावा ही करते हैं...
(हक़ीक़त में वो
काम करने से कतराते हैं!)...
वो पलायनवादी मनोभाव के
अत्यंत आराम परस्त व्यक्ति हैं।
और तीसरे ऐसे व्यक्ति हैं, जो
न तो सही मायनों में
हिलते-डुलते हैं
और न ही कभी
कोई काम किया करते हैं।
क्या आप किसी ऐसे
व्यक्ति से परिचित हैं?
अगर नहीं, तो उन्हें
ढूंढ निकालने की
कोशिश करें...