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Anita Koiri

Abstract Tragedy

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Anita Koiri

Abstract Tragedy

तहखाने का राज़

तहखाने का राज़

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खानों में तहखाना एक

जिसमें छिपे हैं राज़ अनेक

बातों को छिपाना है

किसी को नहीं बताना है

चाहे कुछ भी हो जाए

राज़ कभी न बाहर जाए


सारे सदस्य कान खोल कर सुनते

मन ही मन डरते सहमते

रास्ता उनके पास नहीं

जो हो जाए वही सही

आओ तुमको भी सुनाऊं

तुम भी सुनो ध्यान से ताऊ


उस तहखाने में है एक कठपुतली

सबको प्यारी थी वो कठपुतली

एक बूढ़ा आदमी था

जो भला आदमी बनता था

पर वो नरक का राक्षस था

बच्चियों को नोच कर खाता था

उसको भी वो खा गया था

बस यही राज़ छिपाना है

अपनी फूल सी बच्चियों को

इन राक्षसों से बचाना है।



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