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Sumit. Malhotra

Abstract Action Classics

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Sumit. Malhotra

Abstract Action Classics

तेरी बाहों के घेरे में।

तेरी बाहों के घेरे में।

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तेरी बाहों के घेरे में सोना जाने कब मिलना हमें, 

तेरी बाहों के घेरे में सोना कब होगा नसीब हमें। 


महफूज़ करना हमेशा तुमको बाहों के घेरे में हमें, 

तेरा रहना और खाना पीना सबकुछ मंजूर है हमें। 


हर वक़्त तुमसे मिलने की प्यास रहती सनम हमें, 

जब भी तुम दूर-दूर तो ज़िंदगी उदास लगती हमें। 


चाहिए है पापा की परी की बाहों के घेरे बस हमें, 

सुन लो कुछ और नहीं चाहिए है सिवाय तेरे हमें। 


तेरी बाहों के घेरे के तो तलबगार हुए हम सनम, 

प्यार तुमसे करते खाकर कहते तेरी हम कसम। 


तुम्हें अपनी बाहों के घेरे में उम्रभर कैद करना है, 

जल्दी से बताओ तुम्हें कब मेरी दुल्हन बनना है।


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