तेरी आँखों में
तेरी आँखों में
दिल की खुली किताब , सनम तेरी आँखों में ।
कितने दिलकश ख़्वाब , सनम तेरी आँखों में ।
जब मिलती हो शरमाती हो ,मन की क्यों नहीं सुनती हो ।
नन्हीं नाजुक जान तुम्हारी , क्यों तन्हा सब सहती हो ।
नाहक पले हिजाब , सनम तेरी आँखों में ।
दिल की खुली किताब , सनम तेरी आँखों में ।
आँखें सच्ची दिल भी सच्चा , फिर ज़बान क्यों झूठी है ।
चाहत सच्ची हसरत सच्ची , फिर आदत क्यों झूठी है ।
पैबंद जड़े नक़ाब , सनम तेरी आँखों में ।
दिल की खुली किताब ,सनम तेरी आँखों में ।
तेरे बिना मेरे सपने घायल , कुछ टूटा सा लगता है ।
मेरे बिना तुम भी सोचो तो , कुछ छूटा सा लगता है ।
ज़ख़्मी लाल गुलाब , सनम तेरी आँखों में ।
दिल की खुली किताब ,सनम तेरी आँखों में ।

