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Ruchika kumari

Romance

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Ruchika kumari

Romance

तेरा चुप हो जाना

तेरा चुप हो जाना

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बिगड़ी जो कुछ बात तो बता देना मुझे कभी तुम

यूँ तेरा चुप हो जाना बहुत सताता है अकेले में

एक तो खुद से इतना दूर जाने किस बात पर कर रखा है

की तुझे खोने के डर से सहमा रहता हूँ हरदम मैं ;


एक पल की भी देरी तेरी मेरी साँसे रोक देती है

मेरे लब्जों की स्याही जैसे पानी को तरसते है

तेरे नरमी की ज़रा एक बूंद भी अगर पड़ जाए कभी

तो फिर बिन बारिश ही पूरे भींग जाते है |


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