तेइसवां दिन
तेइसवां दिन
प्रिय डायरी,
तेइसवां दिन तेइसवां दिन
आज बहुत जल्दी, कॉफ़ी पॉच बजे काफी दिनों के बाद,
बहुत ही अच्छा लगा हमेशा की तरह योगा किया,
तय जैसा किया था वैसा सारे काम करना शुरू किया,
लोकडाउण के बढ़ते बढ़ते दिन काफी मुश्किल बीत रहा है
अब क्या कहें पूरा दिन सिर्फ घर पर बैठकर
हालत खराब हो रही है और उधर माहमारी के बढ़ते हालात काफी चिता जनक हो रही है
कुछ समझ मे नहीं आ रहा है आखिर हालात कब पहले जैसे ठीक होंगे
आशा करते हैं सब जल्दी ही ठीक हो।
