तड़पन
तड़पन
कोई ना जाने, कोई ना माने
सब यही चाहे, मछली बिन पानी रह जाए।
तड़पन उसकी, पीड़ा उसकी
चाहे तड़प - तड़प, क्यू ना मर जाए।
देख उसको पकड़ना, चाहे
जब न पकड़ मे आए, तब कई तरकीब लगाए।
कोई ना जाने, कोई ना माने
सब यही चाहे, मछली बिन पानी रह जाए।
तैरन चाहे, खेलन चाहे
संग पानी के मचली जाये।