सुंदर जादुई दुनिया की सैर
सुंदर जादुई दुनिया की सैर
आओ आओ तुमको मैं एक कहानी सुनाऊँ।
जो बात मेरे मन में रची है वह मैं कह सुनाऊँ।
ईश्वर ने रची इस प्यारी सी जादुई दुनिया को दिखाऊ।
कितनी प्यारी कितनी मनोहारी है यह दुनिया।
कहीं पर पहाड़ कहीं पर पानी कहीं है ।
प्यारे सुंदर झरने सारे प्राकृतिक सुंदरता से भरी है।
कितनी मनोहारी है यह दुनिया। कलरव करते पक्षी प्यारे।
और सुंदर जानवरों की तो बात ही न्यारी।
उस पर है ईश्वर ने रचा एक प्यारा सा इंसान रूपी खिलौना।
जिसमें भरी है अच्छाई और बुराई। जिस में कूट-कूट कर भरा दिमाग।
इंसान ने अपनी बुद्धि चलाई, सुंदर को सुंदर तम बनाया ।
पर कुछ कुबुद्धि ऐसे आए
जिन्होंने इस जादुई सुंदर दुनिया पर अपनी, महत्वाकांक्षाओं के खंजर चलाए।
सुंदर दुनिया को तोड़ा मरोड़ा प्रदूषण का जहर फैलाया।
और दुनिया को नुकसान पहुंचाया, पर जब बहुत अति हो गई,
इंसान मद में चूर हो गया, अपने आगे भगवान को ना समझे।
जीयो और जीने दो जीने दो का सिद्धांत भगाया।
जिंदा जानवरों का भक्षण कराया।
अमानवीय तरीके से उनको खाया पर्यावरण और अव्यवस्था ने अपना रौद्र रूप दिखाया।
तब भगवान ने अपना चक्र चलाया।
कोरोना रूपी राक्षस भेजा
लोगों को अपने घरों में भेजा
तब लोगों को समझ में आया।
कहां कर रहे हम हैं गलती
हमने यह नुकसान पहुंचाया।
अपनी दुनिया को बिगाड़ा ।
अब हम अपने इसका ध्यान रखेंगे, कुछ भी गलत ना होने देंगे।
सुंदर दुनिया को संभाल कर रखेंगे, यह है हमारी जादुई दुनिया।
यहां अच्छे बुरे का बैलेंस होता।
खुशनसीब हम हैं इस जादुई दुनिया के हिस्सा।
इससे ज्यादा और क्या है अच्छा ।
इतनी प्यारी एक हमारी जादुई दुनिया।