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Sumit. Malhotra

Abstract Action

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Sumit. Malhotra

Abstract Action

प्रेम तो वो है।

प्रेम तो वो है।

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प्रेम तो वो है, जो त्याग करें, 

जो हमेशा ही, अर्पण कर दे। 


निश्चल प्रेम है, पवित्र प्रेम है, 

सदा करना है, हमें ऐसा प्रेम। 


मिले ना मिले, बस वो प्रसन्न, 

यदि छोड़कर, तो हम प्रसन्न। 


जीवन में यह, मंजूर है सदा, 

वो अगर चाहे, संग रहे सदा। 


प्यार मर्ज़ी से, ज़बरदस्ती ना, 

ज़बरदस्ती हो, वो प्रेम तो ना। 


प्यार रब दूजा, इबादत करना, 

प्रेम करना हमें, सच्चा करना। 


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