सुन्दर डी पी
सुन्दर डी पी
सुन्दर सी डीपी लगाये
आड़े टेढ़े से मुँह बनाये..
आँखों का चश्मा गिरता
खुले बालों की जंगलता..
होंठों को सुवरी सा मोड़े
हाथों पैरों को जोड़े तोड़े..
डीपी कोयल बने हँसिनी
फोटो एडिटिंग खिली बनी
कौए भी निखर निरख खूब इतराते
कांव कांव कर संदेशों में बतियाते..
गाय-कुक्कुर-गर्दभ सी डीपी
मोह रहे जैसे हो मोती सीपी..
फ़र्जी डीपी की सुंदरता से ज्यादा
करिए मन नूरी करने का वादा..
तन से पहले मन को चमकायें
वास्तविक डीपी ही सुन्दर आए..
