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Bhawna Kukreti Pandey

Romance

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Bhawna Kukreti Pandey

Romance

सुलह

सुलह

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गहराती जा रही है रात, बात कर लें।

शिकवे जो रहे गुस्ताख, राख कर लें।


मसला मायूसी का नजर आता होगा,

चल चंद कलाम हम इश्क़ के कर लें।


हिसाब कभी सोचा नहीं मुहब्बत का ,

आपका बकाया है तो ये जान रख लें।


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