सुकून
सुकून
ज़िन्दगी क्या है...
एक तलाश सुकून की
सच्चे मन से।
जंग जारी है खुद की
ज़िन्दगी से
जिस्म थक जाता है
धूप और छाँव के
दरमिया।
दिमाग ने ये कौन सी घुट्टी पी रखी है
थकता भी नहीं
और
हारता भी नहीं ।
तलाश
जितनी लम्बी होगी
सुकून
उतना ही दूर होगा ।
तो...
कहाँ मिलेगा सुकून
ज़िन्दगी में
तो जवाब आया
खुद के अंदर से।
नहीं मिलेगा तलाशने से
ये तो मिलेगा
अपनी आत्मा को पहचानने से।।
