सुखों की बारिश
सुखों की बारिश
गौर ना कर दुनिया का अपनी धुन में चलता जा
बदले या ना बदले कोई खुद को तू बदलता जा
संग तेरे जब वो रखवाला तुझको अब डर कैसा
खुद को बनाकर दिखा तू खुदा चाहता है जैसा
सुख दुनिया के पल भर के इनके पीछे ना जाना
सुख अविनाशी पाओ तुम ऐसा खुद को बनाना
संकल्पों की शुद्धि तेरे जीवन को सुखी बनायेगी
घड़ी किसी भी दुख की तेरे जीवन में ना आयेगी
दूर हो जाएगी जीवन से समस्याओं की हलचल
सुखों की बारिश होगी तेरे मन आंगन में हर पल।