सुखी रहने का तरीका
सुखी रहने का तरीका
वर्णन करता कुछ दुखों के कारण
ध्यान से मेरी बात सुनो
पास ना फटकते दर्द कभी भी,शांति से बैठकर ये बात गुणों।।
उगते सूरज से पहले उठना
न छिपते वक़्त आराम करो
लेन-देन का हिसाब सही हो, न गुप्त बात का जिक्र करो ।।
बिन कारण न झूठ बोलना
न क्रोधी, मूर्ख से बहस करो
अपने काम व्यस्त रहों, न इधर-उधर की बात करो ।।
बिन बुलाये कहीं ना जाना
न बीते दिनों को ज्यादा याद करो
बिन मांगे कभी सलाह न देना, न हर किसी पर विश्वास करो ।।
संतोष धारण करो अपने जीवन में
न डर को अपने हृदय धरों
शक करो न कभी किसी पर, न कमाई से ज्यादा खर्चा करो ।।
स्वार्थी बन न सदा सोचना
कुछ परोपकार के कार्य करते चलो
कमजोरों की मदद सदा ही, न बड़े-बूढ़ों का अपमान करो ।।
चेहरे पर मुस्कान सदा ही
सबसे मीठी आवाज में बात करो
धैर्य अपना कभी न खोना, सब सोच-विचारकर काम करो ।।
