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मुकेश कुमार ऋषि वर्मा

Inspirational

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मुकेश कुमार ऋषि वर्मा

Inspirational

सुख की ओर

सुख की ओर

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दुःख सहकर सुख की ओर चलना होगा,

फूलों से अगर करनी है दोस्ती तो कांटों को सहना होगा। 


दर्द बढ़ता है तो बढ़ने दे, बस मुस्कराना होगा, 

व्यथित हृदय उल्लास से भरना होगा। 


धीमे-धीमे गुजर जायेंगी काली गम भरी रातें,

नित कर्म पथ पर अडिग रहना होगा। 


झूठ, कपट, छल, धोखों का बाजार गरम,

सबसे बचना होगा, बच-बचकर चलना होगा। 


बेदर्द जमाना भारी, सहयोग नहीं सलाह देगा

नयनों से अश्रु पोंछ, सुन जग की मन का करना होगा। 


भीतर से मिटा दुर्गुण सारे आज - अभी 

पुष्पों सा खिलना होगा, जग महकाना होगा। 


औरों की पीर मिटा, दीपक सा जलना होगा,

दुःख सहकर सुख की ओर चलना होगा। 



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