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Raja Sekhar CH V

Abstract Classics Inspirational

4.5  

Raja Sekhar CH V

Abstract Classics Inspirational

सुहासिनी

सुहासिनी

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हर सदन का गौरव है नंदिनी,

पिता हेतु सदैव है राजनंदिनी,

जो स्वयं है अविराम तरंगिनी,

कर्त्तव्य पालन से बने सुहासिनी।१।


स्त्री है अनुपम अनुराग का प्रतीक,

स्त्री का मान्य जीवन है अलौकिक,

स्त्री सदा है सहनशक्ति का दीपक,

स्त्री है त्यागशीलता का भव्य स्मारक।२।


नारी लेती है भगिनी का रूप,

नारी लेती है संगिनी का रूप,

नारी लेती है ममता का रूप,

स्त्री का हर स्वरूप है अपरूप।३।


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