सतरंगी पल
सतरंगी पल
जीवन बिल्कुल इंद्रानुष् सा होता है
सतरंगी! सतरंगी!
लाल, नारंगी, पीला, हरा, नीला, जामुनी, बैैैंगनी।
जीवन के हर रंग का अपना एक
मजा है...
हर रंग अपनी एक छाप छोड़ देता है...
जैसे मिट्टी पर गिरी वो बारिश की बूँदे
खत्म होने के बाद भी अपने पीछे खुशबू
छोड़ जाती है....
जैसे हार जाती हुई जीत का आगमन पीछे छोड़ जाती
है.....
जैसे रोते हुए इंसान के प्रति करुणा...
विलासिता के पीछे करुणा .....
और इन सतरंगी पलों में से कुछ पल ऐसे होते हैं,
जो ताउम्र
जिंदगी में मिठास की तरह हमारे जहन
में घुल जाते हैं, आने वाले लमहों को
शरबती बना देते है...
लेकिन,
कुछ पल ऐसे होते
हैं जिन्हें हम याद करने से भी डरते हैं,
ये दुआ करते हैं, कि वो पल फिर कभी
हमारी जिंदगी का दरवाजा ना खटखटाए...
भले ही,हम उन पलों को सहज कर ना रखें
लेकिन, उन्हें याद रखना जरूरी हैं
जैसे एक बच्चे को खिलौना पाने के
को खिलौना पाने के लिए रोना पड़ता .....
ठीक वैसे ही मिठास का आनंद पाने के
लिए नमक का स्वाद याद होना जरूरी
है........ ना रखे।
