स्त्री शक्ति
स्त्री शक्ति


मैं स्त्री,मैं शक्ति, मैं विश्वास
धर्म- कर्म के ज्ञान का प्रकाश
देश की सच्ची आन-बान-शान
बस यही छोटा-सा अरमान।
ममता का उर में भण्डार
देह में शक्ति अपार
मन में भक्ति भरमार
तभी तो हूँ मैं स्त्री का अवतार।
धैर्य और संयम की मूरत
कुकृत्य में चण्डिका की सूरत।
मैं नारी, भारत माँ नारी
माँ दुर्गा नारी, माँ चण्डी नारी
सबके सब नारियाँ मिलकर
हरती देश की विपदा सारी।
दुष्टो ता करेंगी हम विनाश
बस यही जीवनभर का प्रयास
ये देख सब लोग होंगे हैरान
राक्षस होंगे सोच-सोचकर परेशान
कि अबला नहीं सबला है हम
दुश्मनों के लिए बला है हम।
अबलाओं का गया जमाना
नारी शक्ति देखेगा जमाना
नहीं सहेंगी शोषण उत्पीडन
कुप्रथाओं का होगा दहन
आवाज उठेगी, शोर मचेगा
तांडव से राक्षस बोल उठेगा
रूक जाओ अब माँ बहना
अब नहीं पड़ेगा आपको सहना
जब हर नारी होगी ऐसी
तो चाहे विपदा हो कैसी
हम उठेंगी और लड़ेंगी
गरिमा की रक्षा करके रहेंगी
जब हर नारी का मान रहेगा
देश का ऊँचा नाम रहेगा।