सर्वश्रेष्ठ पुरूष
सर्वश्रेष्ठ पुरूष
देखो समाज में आज भी
पति बन जाते हैं सब
लेकिन कोई पुरुष कभी
सर्वश्रेष्ठ बना है कब
स्त्री की हर चाह का
ध्यान रखना है अब
खुशी हो या हो दुख
साथ देना है अब
पति बनकर ही रहो
बनो उसके दोस्त तब
हर दर्द और खुशी
बांट ले आकर वो अब
बन सको अगर तो
बनो पुरूष श्रेष्ठ अब
स्त्री का अभिमान बन
करो उसे स्वीकार तब।