हमारी पहचान
हमारी पहचान
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है हिम्मत हिमालय जैसी
और मोहब्बत गंगा सी
भारत माता के बेटों की
है शहादत आहुति सी
अविचल खड़ी है लेकिन
भारत माँ की बेटियाँ भी
है तिरंगा बह रहा है
नसों में जो बनकर लहू
वो फौलादी और मतवाली
शान हिन्दुस्तान की
हो कोई भी मुसीबत
डटकर हम हैं खड़े
है नहीं पहचान अब
नर से न नारी से
पहचान है अब हमारी
भारत की संतान से।