"सरस्वती वंदना"
"सरस्वती वंदना"
हे माँ आज हूँ जिस काबिल आपकी दुआ है
कलम पकड़ने से लेकर कलम चलाने तक जो कुछ भी बना हूं
आपका आशीर्वाद है ।
कोरे कागज तरह ही रह जाता जीवन मेरा
यदि मुझ पर तुम्हारा साया ना होता ।
मेरे लिए काला अक्षर काला ही रह जाता
अगर मेरे ऊपर तुम्हारी दृष्टि ना होती।
पूरा जगत मेरे लिए एक पहेली रह जाती
अगर तुमने मुझे ज्ञान ना दिया होता
अंधेरा ही रह जाता मेरा जीवन अगर तुमने
इसमें रोशनी ना डाली होती।
जीवन की हर कतार में पीछे रह जाता
यदि तुमने मुझे रोशनी का दिया ना दिखाया होता।
हे सरस्वती मां आपका है मेरे ऊपर इतना उपकार
ले लू अगर जीवन हजार लेकिन फिर भी उतार नहीं सकता तुम्हारा कर्ज़
निभाया तुमने हमेशा मेरे साथ मां का फर्ज
हे सरस्वती मां तुझे मेरा शत-शत नमन ।