पिता
पिता
परिवार का पर्याय है पिता मुँह से कठोर दिल से नरम होता है पिता।
पूरे परिवार को एक सूत्र में बांधता है पिता।।
कभी कठोर तो कभी मधुर होता है इसका स्वभाव।।
समाज की मिसाल होता है पिता।।
हमेशा अपने बच्चों का भला सोचता है पिता।
कठिन डगर से चलना सिखाता है पिता।
समाज के साथ मिलकर चलना सिखाता है पिता।
परिवार की लाठी होता है पिता।।
उम्र के साथ अनुभव सिखाता है पिता।।
पूरे परिवार का बोझ ढोता होता है पिता।।
इस पर होती है पूरे परिवार की जिम्मेदारियां।
अपनी नहीं करता है परवाह।।
अपने परिवार की करता है हरदम चिंता।।
परिवार पर आए ना कोई आंच।
परिवार की शान है पिता से।।
पिता के बिना अनाथ है परिवार।।
समाज में खड़ी होने की हिम्मत दिखाता है पिता।
सुना है हर घर पिता बिना।।
लाख टके की बात जीवन में सिखाता है पिता।
