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सरकार राजस्थान की

सरकार राजस्थान की

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सरकार राजस्थान की, गजब ढा रही है,

ले जाने के गर्त में, वो बीज बो रही है,

महारानी ने फैलाया अब, मक्कारी का जाल है,

रात-दिन उड़ाती वो, धन-दौलत और माल है।


राजस्थान का ना उन्हें, अब कोई ध्यान है,

चाहे मरे जनता, ना उन्हें कोई भान है,

अब देखो सरकार, पूरा विश्वास खो रही है,

सरकार राजस्थान की…


दिल से निकली आह और निकली बद्दुआएँ,

क्या करे बेरोजगारी और महंगाई बढ़ाई,

भ्रष्टाचार की पूछो मत, कैसे करूँ बड़ाई,

चोरी, डकैती और आंतक से भयभीत लोग-लुगाई।


त्रस्त जनता यहाँ कंकड़ पे सो रही है,

मस्त महारानी का वजन, स्वर्ण पलंग ढो रही है,

सरकार राजस्थान की…


बात पहुँच जाये तो, सुन ले ओ महारानी,

अगले चुनावो में न, पड़ जाए मुँह की खानी,

पता है ये सब लिखकर, हाथ आग में डाल रहा हूँ,

पर मैं दिल से कवि हूँ यारों, इक बार फिर से जाग रहा हूँ।


मेरी कलम से निकली, ये आग बड़ी भीषण है,

दुनिया को राह दिखाने, आया ये कवि कृष्ण है,

जनता बैठी-बैठी देखो, खून के आँसू रो रही है,

सरकार राजस्थान की…


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