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SURENDER SAINI BAWANIWAL "UDTA"

Romance

4.0  

SURENDER SAINI BAWANIWAL "UDTA"

Romance

सरकार कर दे तो

सरकार कर दे तो

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हम अपनी मोहब्बत का इकरार कर दें तो

अपनी आरज़ू उनके नाम,सरकार कर दें तो।


छुप -छुप कर मिलना यहाँ मुनासिब नहीं,

अपनी नज़रों से तुम्हें दूर यार कर दें तो।


तेरे बिना जीने की तमन्ना ही नहीं होती,

अब आगे इस ज़िन्दगी से बेज़ार^ कर दें तो।


(नाखुश ) इश्क़ का रोग बड़ी मुश्किल से मिलता है,

तुमको भी अपने प्यार में बीमार कर दें तो।


वैसे तो तेरी सुबह-शाम का मालूम है सब,

अपने बीच की रज़ामंदी से इंकार कर दें तो।


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अब ना कहेंगे तन्हा कभी भी खुद को,

चलो किसी मंदिर, तुम्हें सहदार ^ कर दें तो।


(विवाहित ) कब तलक ऐसे खानाबदोशी में रहोगे,

तुम्हारा भी अपना कोई घरबार कर दें तो।


अब तक की ज़िन्दगी गुनहगारों सी रही,

आज अपने हर गुनाह का इज़हार कर दें तो।


रंगमंच सी दुनिया में नक़ाब^ ओढ़े हुए लोग,

(पर्दा ) अपना भी कोई मुकम्मल सा किरदार कर दें तो।


आए खाली हाथ थे इस जहाँ में एक दिन,

पाकर तेरी मोहब्बत खुद को ज़रदार^ कर दें तो


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