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Kinjal Yadav

Abstract

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Kinjal Yadav

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सपनों की उड़ान

सपनों की उड़ान

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जो सपने हम देखते है,

क्या वो हो सकते हैं पूरे ?

कुछ सपने होते हैं कठिन

रह ना जाए वो अधूरे।


पंख लगाकर ऊंचा है उड़ना,

पीछे अब नहीं है मुड़ना


लोगों का तो काम है कहना ,

अब चुप बैठे नहीं है रहना,

अब आकाश में उचा है उड़ना।


कोई रोक तो नहीं है रुकना ,

कोई कुछ भी करके कभी मत झुकना।


दिन - रात एक करोगे तो पता चलेगा,

तुम भी कुछ कर सकते हो।

मेहनत करके दिखा देना कि तुम भी,

ऊंचा उड़ सकते हो।


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