सपनों की उड़ान
सपनों की उड़ान
जो सपने हम देखते है,
क्या वो हो सकते हैं पूरे ?
कुछ सपने होते हैं कठिन
रह ना जाए वो अधूरे।
पंख लगाकर ऊंचा है उड़ना,
पीछे अब नहीं है मुड़ना
लोगों का तो काम है कहना ,
अब चुप बैठे नहीं है रहना,
अब आकाश में उचा है उड़ना।
कोई रोक तो नहीं है रुकना ,
कोई कुछ भी करके कभी मत झुकना।
दिन - रात एक करोगे तो पता चलेगा,
तुम भी कुछ कर सकते हो।
मेहनत करके दिखा देना कि तुम भी,
ऊंचा उड़ सकते हो।
