सपने
सपने
जो ना देखे सपने,
खो गए वो खुद से
छोटे मोटे सपने ही
देते जीने की वजह
उन सपनो को पूरा करने में
रहते हैं हम मगन,
बिन सपने बिन आस के
कोई न दिखता पास में
सपनों की ये दुनिया है
समझो ये चिकनगुनिया है
जकड़े रहती पूरे मन को
लगा देती है तन मन को
पूरा करने सपने को
कोई बच ना पता इस से
राजा हो या रंक,
नेता हो या अभिनेता
सभी देखे छोटे मोटे सपने।