सपने उनके पूरे होते
सपने उनके पूरे होते
सपने उनके पूरे होते,
जिनकी मंज़िले तय होती।
हौंसल्ले अन्तरिक्ष पर,
उम्मीदें आसमान पर होती।
कदमो के सिलसिलों,
में ठहराव नहीं होते,
जो हिम्मत खो बैठते हैं,
रास्ते उनके नहीं होते,
सपने उनके पूरे होते जिनकी,
कोशीशे नाकाम नहीं होती ।
दुखों के पाहाड़ मे,
वो दबे नहीं होते,
डर के अँधेरे मे,
उजाले भी होते,
सपने उनके पूरे होते,
जिनकी मंज़िले तय होती।
मेहनत करने के लिए,
हमेशा तत्पर होते, उ
नके अभ्यास मे कोई
कमी नही होती।
सपने उनके पूरे होते जिनकी,
सुखों की संख्या कम ही होती ।
अकल पर पत्थर पड़े नहीं होते,
मैदाने जंग मे पीठ नहीं होती;
उनका हर वार सीना तने होता,
इन्सानियत भी उनमे भरी होती
सपने उनके पूरे होते,
जिनकी हार से भी जीत होती।
