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Megha Chauhan

Others

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Megha Chauhan

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दोस्त ने ही जीना सिखाया है।

दोस्त ने ही जीना सिखाया है।

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दोस्त ने ही जीना सिखाया है

साथ क्या होता है सिर्फ उसने जताया है

मुश्किलों में हमेशा अपनापन झलकाया है

चाहे दूर हो मजबूर हो एक बार बुलाने पर आया है

रिश्ते बहुत है पर दोस्ती का रिस्ता सबसे अनमोल है

दोस्त के इस याराना का नहीं कोई तोल है

दोस्त जान है हमारी, हर पल ले रहे वो साँस है हमारी

हमारे करतूतों का आइना है

हमारी अंतरात्मा को सिर्फ वही जानता है

ए दोस्त हर घड़ी मुस्कराना तूने सिखाया है

एक तूने ही हर रूप में अपनापन है।

यह रिश्ता शब्दों में बयां नहीं हो सकता

चाहते हुए भी वो हमसे दूर नहीं रह सकता

यह रिश्ता सबसे प्यारा है, हर एक दोस्त न्यारा है

दोस्त हमारा दूसरा जीवनसाथी है

हमारी इस खुशनुमा जिंदगी के रथ का सारथि है

यह दोस्ती की प्रथा बहुत पुरानी है

यह बात हमने कृष्णा सुदामा से जानी है

ए दोस्त तूने ही जीना सिखाया है

हर गंदगी से बचाया है।

हमें कोई कमी महसूस न हो

खुदा दोस्त से मिलाता है

हमारे साथ हर पल चले

इसलिए दोस्त बनाता है

दोस्ती वो नहीं जो युहीं टूट जाती,

दौलत की तरह लोगो में बांट जाती

रिश्ता तो दिलो से हो जाता,

जिसमे सारा संसार समा जाता;

दोस्त के लिए गाना सुदामा ने गाया,

उसकी आवाज़ सुनकर कृष्णा भी दोड़ा चलाया;

ए दोस्त तूने ही जीना सिखाया है,

हर मोह से अलगकर तूने अपना बनाया है

दोस्त ने ही जीना सिखाया है

साथ क्या होता है सिर्फ उसने जताया है।


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