सपने जो सोने ना दें
सपने जो सोने ना दें
सपने जो सोने ना दें,
सपने जो थकने ना दें, क्योंकि-
माँ को उनकी सपनों की बालकनी में,
चाय जो पिलानी है,
पिताजी की थकी हुई आँखों में,
सुकून की नींद जो लानी है।
गुड़िया जैसी बहनों को,
सशक्त होते हुए जो देखना है,
जान से प्यारे भाई को,
सफलता की सीढ़ी जो चढ़ानी है।
सपने जो सोने ना दें,
सपने जो थकने ना दें, क्योंकि-
पापा के थके हुए कदम देखे हैं,
माँ के आसुओं को देखा है,
बहनों के चेहरे पर मायूसी देखी हैं,
भाई को गिरते और उठते देखा है।
सपने जो सोने ना दें,
सपने जो थकने ना दें, क्योंकि-
पैसे घर पे कम थे पर,
प्यार की कमी नहीं थी,
आधा पेट कभी सोए भी तो,
आँखों में नमी नहीं थी।
सपने जो सोने ना दें,
सपने जो थकने ना दें, क्योंकि-
नन्ही-सी जान ने खुद से,
किया था जो वादा,
एक दिन पूरा करूँगा,
अपना हर वो इरादा।
सपने जो सोने ना दें,
सपने जो थकने ना दें, क्योंकि-
ठान लिया था बचपन में ही,
जीवन में करनी है इतनी मेहनत,
कि किस्मत खुद झुक कर पूछे,
कि तेरी चाहत क्या है ?
सपने जो सोने ना दे,
सपने जो थकने ना दे, क्योंकि-
यही सपने तो है,
जो मुझे जिंदा रखते हैं,
यही सपने तो है,
जो मुझे पागल कहते हैं।
