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shristi dubey

Inspirational

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shristi dubey

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सफ़र चांद का

सफ़र चांद का

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एक ख़ामोशी भरे पल में एक मुस्कुराहट-सी रात से मुलाक़ात हुई 

या यूँ कहो कि उस दिन एक चाँद से हसीन बात हुई 

लफ़्ज़ मेरे मायूस थे और चाँद ने हँस के कहा 

चलो एक बात करें सफ़र की जिसमे चाँद अधूरा से पूरा हुआ 


कई रात तारों के साथ गुज़ारा हुआ वो चाँद 

फ़िर भी ख़ुद के पूरा होने के लिए एक रात का करता है इंतज़ार

कुछ किस्से उसके भी थे और कुछ लोगों से रिश्ते उसके भी थे 

किसी बच्चे के मामा तो किसी के पूजा का विश्वास 


किसी ने उसको प्रेम रूप में माँगा 

फिर से चाँद ने ख़ुद से ख़ुद को मिलाने के लिए एक रात का साथ मांगा 

अकेला वो राही है ख़ुद की जंग में 

ना कोई संग है ना साथी है

उस दिन चाँद ने बहुत प्यारे लफ़्ज़ों में बयां की 


अपने सफ़र की दास्तां 

और इंसान किस तरह खुद को ख़ुद से मिलाने के सफर 

में सब्र खो चुका है उस चाँद ने ये सीख सिखाई 

बस कुछ इस तरह वो रात और चांद से बात हसीन बन पाई।


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