सफलता के लिए
सफलता के लिए
जिंदगी हर रोज जागती कि सवेरा होगा
उम्मीद का सूरज कभी तो उदय होगा
यह सच है
कि कर्म ही इंसान के हाथ है
बाकी परिणाम ईश्वर के हाथ है
वह इस सत्य को नहीं झुठला रही है
मगर वो भी तो नहीं
जो कर्म की रेखा हाथ पर उभर रही है
तकदीर का लेखा जोखा लिख रही है
अगर तकदीर ही सच है
तो कर्म का मोल क्या
फिर सफलता की उम्मीद क्या
हार कर बैठना भी तो
कर्मठ लोगों की पहचान नहीं
सफलता के लिए
अब जो भी रुकना नहीं।