सफलता का सफ़र...
सफलता का सफ़र...
लड़ेंगे डट कर हम,
अब ना मानेंगे हार।
कर्म से खोलेंगे अब,
अपने भाग्य के द्वार।
मेहनत करने से कभी,
अब ना घबराएंगे हम।
रोक के दिखा दो हमें,
अगर हो किसी में दम।
कमजोरियों को अपनी,
हमने बनाया है ताक़त।
हमें रोक सकें इतनी,
नहीं किसी में हिमाक़त।
हाथ की रेखाएं हमारी,
अब ना तय करेंगी मुकद्दर।
बदल देंगे कुंडली अपनी,
बन के मुकद्दर के सिकंदर।
विपदाओं को पार कर,
मंजिल तक जाएंगे।
हिम्मत, जोश, जुनून संग,
अपने लक्ष्य को पाएंगे।
सफलता देख हमारी,
चौक जाएगा संसार।
ना कभी आने देंगे हम,
अपने मन में अहंकार।
सफलता का यह सफ़र,
यूं ही चलता रहेगा।
हमारी क्षमताओं से हमें,
हर बार मिलवाया करेगा।
