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अग्रसर हिंदी साहित्य मंच

Classics

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संविधान निर्माता भीमराव जी

संविधान निर्माता भीमराव जी

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जातिवाद का इस दुनिया मे घोर तिमिर का छाया था,

नीची जात कहकर के, मनुष्यों को डराया था।


पढ़ने जाते जब स्कूल में क्या क्या नही सह पाया था।

कक्षा के बाहर तुम बैठो, पानी भी अलग रखवाया था।


अस्पर्शता को दूर करने एक मानव धरा पर आया था ।

जिंदगी काटी सारी शर्म से कुछ भी नही कह पाया था।


करके संघर्ष दिन रात अपना ही नाम कमाया था।

भारतीय संविधान बनाकर के, उसे दुनिया मे महकाया था।।


ऐसा था वो महान सितारा, जिसे भारत ने चमकाया था।

जातिवाद का नाम हटाया, अस्पर्शता एक्ट चलाया था ।


सब मानव है एक रक्त के, समाज मे अलख जगाया था।

पुण्यतिथि पर भीमराव को, सब मिलकर पुष्प चढ़ाया था।।


" अस्पर्शता को दूर करे, यह भीमराव का नारा,

सब जन है एक दुनिया, कहे संविधान हमारा, "

ऐन के सरस्वती "नरसी"


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